राजा जनक शुकदेवजी से बोले :
“बाल्यावस्था में विद्यार्थी को तपस्या, गुरु की सेवा, ब्रह्मचर्य का पालन एवं वेदाध्ययन करना चाहिए |”
तपसा गुरुवृत्त्या च ब्रह्मचर्येण वा विभो |
- महाभारत में मोक्षधर्म पर्व
“बाल्यावस्था में विद्यार्थी को तपस्या, गुरु की सेवा, ब्रह्मचर्य का पालन एवं वेदाध्ययन करना चाहिए |”
तपसा गुरुवृत्त्या च ब्रह्मचर्येण वा विभो |
- महाभारत में मोक्षधर्म पर्व
पूज्य बापूजी : आश्रम सत्साहित्य - ‘दिव्य प्रेरणा प्रकाश’
No comments:
Post a Comment