सेवा कर्मयोग
पूज्य संत श्री आशारामजी बापूजी के सत्संग में से संग्रहित
आज कुछ सेवा की ?
क्या तुमने
आज किसी की कुछ सेवा की है
?
यदि नहीं तो आज का दिन
तुमने व्यर्थ खो दिया।
यदि
किसी की कुछ सेवा की है तो
सावधान रहो, मन में कहीं
अहंकार न आ जाय।
पूज्य बापूजी : आश्रम सत्साहित्य - ‘अमृत के घूँट’
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