दीपावली पर्व कैसे मनाएं

दीपावली के पर्व पर हम अपने परिचितों को मिठाई बाँटते हैं, लेकिन इस बार हम महापुरुषों के शांति, प्रेम, परोपकार जैसे पावन संदेशों को जन-जन तक पहुँचा कर पूरे समाज को ज्ञान के प्रकाश से आलोकित करेंगे, ऐसा संकल्प लें। इस पावन पर्व पर हम अपने घर के कूड़े-करकट को निकालकर उसे विविध प्रकार के रंगों से रँगते हैं। ऐसे ही हम अपने मन में भरे स्वार्थ, अहंकार तथा विषय-विकाररूपी कचरे को निकाल कर उसे संतों के सत्संग, सेवा तथा भक्ति के रंगों से रँग दें।
योगांग झाड़ू धर चित्त झाड़ोविक्षेप कूड़ा सब झाड़ काढ़ो।
अभ्यास पीता फिर फेरियेगाप्रज्ञा दिवाली प्रिय पूजियेगा।।

पूज्य बापूजी : आश्रम सत्साहित्य  - ‘पर्वों का पुंजः दीपावली’

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