नमस्कार की महिमा

प्रतिदिन सुबह-शाम माता-पिता एवं गुरुजनों के चरणों में प्रणाम करना चाहिए। नमस्कार की बड़ी महिमा है।
अभिवादनशीलस्य नित्यं वृद्धोपसेविनः।
चत्वारि तस्य बर्द्धन्ते आयुर्विद्यायशोबलम्।।
जो प्रतिदिन बड़ों की सेवा करता है, उनके चरणों में प्रणाम करता है एवं उनकी सीख के अनुसार चलता है उसकी आयुष्य, विद्या, यश एवं बल चारों बढ़ते हैं।
पूज्य बापूजी : आश्रम सत्साहित्य  - ‘आंतर ज्योत’

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