तीनो योग स्वतंत्र है मुक्ति देने में

भक्ति योग है, ज्ञान योग है ऐसे कर्म योग है। ये तीनो योग स्वतंत्र है मुक्ति देने में। निष्काम कर्म योग से कई लोग सफल हो गए, सिद्ध हो गये । कई भक्ति योग से सिद्ध हो गए कई ज्ञान योग से सिद्ध हो गए। और किसीने भक्ति और ज्ञान को साथ में रखा, तो किसीने निष्कामता और ज्ञान को साथ में रखा। अपन तो तीनो को साथ में ले चलते है भाई ! थोड़ा थोड़ा सब हो कोई बात नहीं। रोटी भी चाहिए, सब्जी भी चाहिए, छाछ का कटोरा है तो घाटा क्या पड़ता है ?चलो! वो भी रखो थोड़ा साथ में।

पूज्य बापूजी - ऑडियो सत्संग - “सेवा ही भक्ति“

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